साहू समाज का इतिहास अतिगौरवशाली रहा है। देश के स्वतत्रता आन्दोलन से लेकर स्वतत्रंता उपरान्त भी देश के विकास, निर्माण एवं दिशा देने में इस समाज का सराहनीय योगदान रहा है। उदाहरण के तौर पर यह बताना आवश्यक है कि भारत के प्रथम स्वतत्रता संग्राम में अन्य जाने - अनजाने विभूतियों के साथ ननुआ तेली का सक्रीय योगदान रहा जिन्हे 08 दिसम्बर, 1857 में अंग्रेजों ने प्राण दण्ड दिया। 13 दिसम्बर, 1919 के जलियावालाबाग कांड में 23 वर्षीय स्व० श्री खैरदीन तेली को अंग्रेजों ने गोलियों से भून डाला। चौरी-चौरा काण्ड के अमर शहीदों में भगवानदीन तेली का नाम प्रमुख था।
साहू भवन में जमा रंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों से बंधा समा उल्लेखनीय समाज सेवा के लिए कई सम्मानित
तैलिक वैश्य साहू समाज की आमसभा में नई कार्यकारिणी गठित
सिलीगुड़ी तैलिक वैश्य साहू समाज की त्रैवार्षिक आमसभा रविवार को आयोजित हुई । मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण एव उद्योग राज्य मंत्री रामेश्वर तेेली व सीतामढ़ी के सांसद सुनील कुमार पिंटू ने इसका शुभारंभ किया ।
दिनांक 21.04.2019 - गया जिला के टेकारी में भव्य भामाशाह जयंती समारोह का उद्घाटन बिहार तैलिक साहु सभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री रणविजय साहू, संयुक्त मंत्री विनय कु. 'गुड्डू', संगठन मंत्री कृष्णा प्रसाद, प्रदेश महिला महामंत्री पुष्पा गुप्ता, जिला अध्यक्ष संजु लाल जी ने संयुक्त रूप से किया । जयंती समारोह को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष रणविजय साहू ने कहा कि
विवाह की आड़ में धन (दहेज) की माग को खत्म करने, दहेज प्रथा को समाप्त करने, दहेज के नाम पर बेटियों की बलि पर विराम लगाने और खर्चीली शादी कर आडंबर को रोकने के साथ ही समाज में आदर्श प्रस्तुत करने के ध्येय से मुनगासेर का प्रथम सामूहिक आदर्श विवाह का स्वर्णिम अध्याय लिखने वालों में सुरमाल साहू समाज परिक्षेत्र के तत्कालीन अध्यक्ष श्री आशाराम साहू (देवरी), उपाध्यक्ष जैतराम साव (लालपुर), स्व. नाथूराम साहू (लालपुर), स्व.
महासमुंद जिला मुख्यालय से करीब 60 किमी दूर स्थित है गांव गुनगासेर । यह वही ऐतिहासिक गांव है, जहां 15 मई 1975 को साहू समाज के मुखिया और ग्रामीणों ने मिलकर एक ऐसा आदर्श प्रस्तुत किया, जो इतिहास के पन्नों में आना गौरवशाली बन चुका है। बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि सन् पचहत्तर में क्षेत्र में भीषण अकाल की स्थिति थी।
आज सर्वत्र जिस सामूहिक आदर्श विवाह की जो चर्चा हो रही है। जिसे एक क्रांतिकारी पहल के साथ-साथ विचारक्रांति के रूप में आज देशआ। विदेश में लागू किया जा रहा है। उसे प्रथम बार आज से 42 वर्ष पूर्व जिन स्वप्न दृष्टाओं में साकार किया, उनमें से एक प्रमुख नाम है। स्थ. नाथूराम साहू जी की। तात्कालीन सामाजिक कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में आपका स्थान तत्कालीन सामाजिक कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में आपका स्थान अग्रगण्य है इस आदर्श विवाह में नींव रखने वाले नीव के पत्थर कहें तो इसमें अतिश्योक्ति नहीं होगी। वे उस समय मंत्री (सचिव) रहे। इस तरह प्रायः प्रायः सभी कार्यों में इनकी सहभागिता अधिक रही। उनके पिता स्व.
सामाजिक विकास की संकल्प के साथ बचपन से ही सेवा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं देते आ रहे है। अध्यक्ष नगर साहू समाज बलौदाबाजार के श्री प्रेमनारायण साहू सामाजिक एवं रचनात्मक कार्यों में बराबर सहयोग देते आ रहे हैं। सामाजिक विकास की सोच को सदैव अपने मन में संजोकर कार्य करते रहने को अपनी पहली प्राथमिकता मानते है।